धारा 154 CrPC में संज्ञेय अपराधों की सूचना दर्ज़ करने के सम्बंध में कानूनी प्राविधान दिये गए हैं, यह धारा तीन उपधाराओं में विभाजित है, आपको यह भी याद दिला दूं कि 2012 में दिल्ली में जो निर्भया बलात्कार की घटना हुई थी उसके बाद पूरे देश मे उबाल से आ गया था और कानून को और सख्त करने को लेकर देश भर में धरना प्रदर्शन हुये थे जिसके उपरान्त सरकार ने महिलाओं से सम्बंधित कानूनों को संशोधित करने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्यन्यायमूर्ति श्री जे.एस. वर्मा की अध्यक्षता में एक आयोग बनाया था जिसने महिलाओं से सम्बंधित अपराधों को संशोधन किए जाने के सम्बंध में शिफारिशें दी थी। आयोग द्वारा दी गयी सिफारिशों के प्रकाश में भरतीय दण्ड संहिता एवम दण्ड प्रक्रिया संहिता में महत्वपूर्ण संशोधन हुए थे, उसी दौरान धारा 154CrPC में भी संशोधन हुये थे।।
जानते है कि धारा 154CrPC में प्रथम सूचना रिपोर्ट के सम्बंध में दिये गये सम्पूर्ण प्राविधानों के बारे में:-
" धारा 154 CrPC- संज्ञेय मामलों में इत्तिला:-
(1) संज्ञेय अपराध के किए जाने से संबंधित प्रत्येक इतिला, यदि पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी को मौखिक दी गई है तो उसके द्वारा या उसके निदेशाधीन लेखबद्ध कर ली जाएगी और इतिला देने वाले को पढ़कर सुनाई जाएगी और प्रत्येक ऐसी इतिला पर, चाहे वह लिखित रूप में दी गई हो या पूर्वोक्त रूप में लेखबद्ध की गई हो, उस व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर किए जाएंगे जो उसे दे और उसका सार ऐसी पुस्तक में, जो उस अधिकारी द्वारा ऐसे रूप में रखी जाएगी जिसे राज्य सरकार इस निमित विहित करे, प्रविष्ट किया जाएगा।
(परंतु यदि किसी स्त्री द्वारा, जिसके विरूद्ध भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 326क, धारा 326ख, 354, धारा 354क, धारा 354ख, धारा 354ग, धारा 354घ, धारा 376, धारा 376क, धारा 376ख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376ड या धारा 509 के अधीन किसी अपराध के किए जाने का प्रयत्न किए जाने का अभिकथन किया गया है, कोई इतिला दी जाती है तो ऐसी इतिला किसी महिला पुलिस अधिकारी या किसी महिला अधिकारी द्वारा अभिलिखित की जाएगी और ऐसी स्त्री को विधिक सहायता और किसी स्वास्थ्य देखाभाल कार्यकर्ता या महिला संगठन या दोनों की सहायता उपलब्ध कराई जाएगी:
परंतु यह और कि -
(क) यदि वह व्यक्ति जिसके विरूद्ध भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 354, धारा 354क, धारा 354ख, धारा 354ग, धारा 354घ, धारा 376, धारा 376क, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376ड या धारा 509 के अधीन किसी अपराध के किए जाने का प्रयत्न किए जाने का अभिकथन किया गया है, अस्थायी या स्थायी रूप से मानसिक या शारीरिक रूप से निःशक्त है, तो ऐसी इतिला किसी पुलिस अधिकारी द्वारा उस व्यक्ति के, जो ऐसे अपराध की रिपोर्ट करने की ईप्सा करता है, निवास-स्थान पर या उस व्यक्ति के विकल्प के किसी सुगम स्थान पर, यथास्थिति, किसी द्विभाषिए या किसी विशेष प्रबोधक की उपस्थिति में अभिलिखित की जाएगी,
(ख) ऐसी इतिला के अभिलेखन की वीडियों फिल्म तैयार की जाएगी,
(ग) पुलिस अधिकारी धारा 164 की उपधारा (5क) के खंड (क) के अधीन किसी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उस व्यक्ति का कथन यथासंभवशीघ्र अभिलिखित कराएगा।)
(2) उपधारा (1) के अधीन अभिलिखित इतिला की प्रतिलिपि, इतिला देने वाले को तत्काल निःशुल्क दी जाएगी।
(3) कोई व्यक्ति जो किसी पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी के उपधारा (1) में निर्दिष्ट इतिला को अभिलिखित करने से इंकार करने से व्यथित है, ऐसी इतिला का सार लिखित रूप में और डाक द्वारा संबद्ध पुलिस अधीक्षक को भेज सकता है जो, यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि ऐसी इतिला से किसी संज्ञेय अपराध का किया जाना प्रकट होता है तो, या तो स्वयं मामले का अन्वेषण करेगा या अपने अधीनस्थ किसी पुलिस अधिकारी द्वारा इस संहिता द्वारा उपबंधित रीति से अन्वेषण किए जाने का निदेश देगा और उस अधिकारी को उस अपराध के संबंध में पुलिस थाने के भारसाधक अधिकारी की सभी शक्तियां होगी।
धारा154CrPC में दिये गये प्राविधानों से स्पष्ट है कि किसी भी संज्ञेय मामले की सूचना जब पुलिस थाने में दी जायेगी तो थाने का भारसाधक अधिकारी उस सूचना को रोजनामचा जो प्राधिकृत पुस्तक होती है उसमें दर्ज़ की जायेगी, यह सूचना चाहे मौखिक दी गयी हो या लिखित दी गयी हो पुलिस ऐसी सूचना को दर्ज़ करने से मना नही कर सकती, सूचना दर्ज़ करने के बाद सूचना देने वाले व्यक्ति से हस्ताक्षर करवाये जायेंगे और उस की एक प्रति सूचनाकर्ता को निःशुल्क उपलब्ध करवाई जायेगी।
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