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Right to information act 2005 in hindi/सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के ब...

Counterfeiting Government stamp/ सरकारी स्टाम्प का कुटकरण करने पर सज़ा..

समाज और राजनीति...

मेरे विचार से व्यक्तियों की सोंच इसपर निर्भर करती है कि समाज मे किस तरह का वातावरण है, जिस तरह का समाज मे वातावरण होता है उसीतरह की वहां रहने वाले लोंगो की सोंच बनती जाती है।समाज मे किस तरह का वातारण बने ये सरकार की राजनैतिक व सामाजिक नीतियों पर निर्भर करता है, सरकारों को चाहिए कि ऐसी नीतियां बनाये जो समाज मे समरसता पैदा करें , भाईचारे को बढ़ावा दे और ज़िम्मेदार नगरिक बनने की सोंच पैदा करें।       अफ़सोस पिछले कुछ वर्षों से मौजूद सरकार द्वारा ऐसी नीतियां बनाई जा रही है जिससे सामाजिक वातारण लगातार दूषित होता जा रहा है, समाज मे नागरिकों के बीच समरसता के बजाय वैमनस्यता पैदा होती जा रही है, दुख का विषय है कि जिनके ऊपर समाज को सुधारने की ज़िम्मेदारी है वही लोग समाज को बिगाड़ने में लगे है।यदि समय रहते इसपे नियंत्रण न किया गया तो इसके दूरगामी परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।।।

शादी के बाद महिलाओं के कानूनी अधिकार..

      वैसे हमारे यहां पर कहावत है कि माता पिता के घर से बेटी की डोली निकलती है, और पति के घर से अर्थी निकलती है, यह भी कहा जाता है कि बेटियां पराया धन होती है, परंतु अब ये सब बातें गुजरे ज़माने की बातें हो चुकी है। आजकल  आये-दिन देखने सुनने में आता रहता है कि कही दहेज की मांग के कारण कहीं महिला के लड़के पैदा न होने पर और कहीं पर और किसी बात को लेकर महिलाओं का उत्पीड़न किया जाता है।ऐसी स्थिति में यदि महिलाओं को शादी के बाद अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी हो तो महिला उत्पीडनकी घटनाओं का सामना किया जा सकता है।तो आईये जनतें है शादी के बाद महिलाओं को कौन कौन से अधिकार कानून द्वारा दिये गए है।। सम्मान पूर्वक जीवन जीने का अधिकार-     देश के संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत प्रत्येक नागरिक को अपनी व्यक्तिगत ज़िन्दगी को सम्मानपूर्वक जीने का अधिकार है तो शादी के बाद भी महिला को ये अधिकार उसी तरह मिला रहता है ,ससुराल के किसी भी सदस्य को ये कोई अधिकार नही है कि महिला के जीवन को कमतर करके देखे और उसे गरिमामयी ज़िन्दगी से मरहूम करे।। घर मे रहने का अधिकार:-...

Nature and definition of crime

       Nature and Dfinition of crime: -            The concept of crime always been dependent on public openion.as we already know law reflects the public openion of the crime. more than any other branch of la,criminal law is the mirror of public openion.In oeder to know the nature and the contens of crime we must first of all know what is law, because the tow questions crime and law are so closely related with each other that it is very difficult to understand one withoute knowing the other.law isthe aggregate rules set by men as poltically superior,or sovereign, to men as poltically subject. law is a command enjoining a course of conduct to be observedby all the members of the society. The command may be of a sovereign or the command of a poltical superior to poltical inferior,or the command of a legally constituted body or the legislation duly enacted by a legally constituted lagislature and addressed to the members of the socie...