delhi rape case has crossed the limits of barbarism.
न्यायमूर्ति कोक ने अपनी पुस्तक 'थर्ड इंस्टीट्यूट' सन्त अगस्ताइन के धर्मोपदेश का आधार लेते हुये एक सूत्र का प्रयोग किया है। यह सूत्र है - "ACTUS NON FACIT REUM NISI MENS SIT REA" (ऐक्ट्स नॉन फेसिट रियम निसी मेन्स सिट रिया ) इसका अर्थ है कि दुराशय के बिना केवल कार्य किसी व्यक्ति को अपराधी नही बनाता। आज यह सूत्र अंग्रेजी आपराधिक विधि का अधार-स्तंभ बन गया है। यह सूत्र उतना ही प्राचीन है जितनी अंग्रेजी दाण्डिक विधि । उपरोक्त सूत्र का विश्लेषण करने से यह सुनिश्चित होता है कि किसी कृत्य को अपराध मानने के लिये दो आवश्यक तत्वों का होना आवश्यक है-- 1- शारीरिक या भौतिक कृत्य (Actus Reus ) 2- मानसिक तत्व या दुराशय (Mens Rea ) उपरोक्त दोनों तत्वों को विस्तार से समझते हैं :- (1) शारीरिक या भौतिक कृत्य (Actus Reus ) शारीरिक या भौतिक कृत्य से तात्पर्य सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनो तरह से कार्यो से है। सकारात्मक कृत्य (Positive action) से तात्पर्य किसी मनुष्य की सकारात्मक गतिविधि से...
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